जयपुर, गहलोत शनिवार को सार्वजनिक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे। वीसी में सार्वजनिक निर्माण विभाग के सभी जिलों के मुख्य अभियंता, अति. मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता जुड़े रहे। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि सर्वाधिक खराब सड़कों की मरम्मत एवं उन्नयन के कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर किए जाएं। उन्होंने कहा कि ऐसा सिस्टम तैयार किया जाए कि प्रतिवर्ष सर्वे कर उन सड़कों की सूची बने, जिनकी मरम्मत की तत्काल आवश्यकता हो और उन कार्यों को प्राथमिकता से लिया जा सके।
समीक्षा बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता ने प्रदेश में सड़कों के वर्तमान परिदृश्य, सड़कों से जुड़े राजस्व गांवों की स्थिति, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय राजमार्गों, स्टेट हाइवे, जिला सड़कों एवं ग्रामीण सड़कों की वर्तमान प्रगति के बारे में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर 500 से अधिक आबादी के जो गांव डामर सड़क से नहीं जुड़े हैं, उन्हें डामर सड़क से जोड़ने का कार्य चरणबद्ध रूप से किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में विकास पथ के कार्य भी विभिन्न चरणों में किए जा रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 की बजट घोषणाओं की प्रगति के बारे में जानकारी दी।
गहलोत ने विभाग के अधिकारियों एवं अभियंताओं को सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन सड़कों के कार्य अभी लम्बित चल रहे हैं, उन्हें पूरा करने पर भी ध्यान दिया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाले विकास पथ में भी गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए।
गहलोत ने धौलपुर, बारां, भरतपुर, दौसा एवं अन्य जिलों में वीसी के माध्यम से मुख्य अभियंताओं एवं अति. मुख्य अभियंताओं से बात की एवं सड़कों की प्रगति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन के भी निर्देश दिए।