मुख्यमंत्री: लॉकडाउन के चलते एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले के लिए क्वारेंटीन अनिवार्य नहीं

जयपुर, मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा की देशभर में करीब दो माह से चल रहे लॉकडाउन की पीड़ा झेल रहे प्रवासियों एवं श्रमिकों को संबल देने के लिए क्वारेंटीन शिविरों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे श्रमिकों की तकलीफ को समझें और क्वारेंटीन सेंटरों में रह रहे इन श्रमिकों के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेज लागू करें, ताकि संकट की इस घड़ी में उन्हें राहत मिल सके। ग्राम स्तरीय क्वारेंटाइन समितियों तक भी इन नवाचारों को पहुंचाया जाए।

गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रवासियों के सुरक्षित आवागमन, क्वारेंटीन एवं शिविरों की व्यवस्था को लेकर उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन की रक्षा करना और मुसीबत के समय में प्रवासियों की पीड़ा को कम करना हमारा ध्येय होना चाहिए। अधिकारी इसकी गहन मॉनिटरिंग करें कि क्वारेंटीन सेंटरों और शिविरों में श्रमिकों को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पडे़।

गहलोत ने निर्देश दिए कि हॉट-स्पॉट और कफ्र्यू एरिया को छोड़कर प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले व्यक्तियों को 14 दिन के लिए क्वारेंटीन नहीं किया जाए। केवल उन्हीं लोगों को क्वारेंटीन करें, जिनमें सर्दी, खांसी या जुकाम (आईएलआई) के लक्षण पाए जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सीमावर्ती जिलों के औद्योगिक क्षेत्रों जैसे भिवाड़ी, नीमराणा आदि में प्रतिदिन व्यावसायिक गतिविधियों के लिए आने वाले दूसरे राज्यों के उद्यमियों एवं श्रमिकों को भी क्वारेंटीन नहीं किया जाए।

लोगों ने मास्क को दिनचर्या का हिस्सा बनाया यह अच्छा संकेत
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने मास्क लगाने को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है, यह अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि लोगों में कोरोना को लेकर अब जागरूकता आने लगी है। इससे ही हम लॉकडाउन में और अधिक छूट देने तथा जीवन रक्षा के लिए तैयार हो सकेंगे। लोगों के ये सकारात्मक प्रयास ही इस लड़ाई से जीतने में मददगार होंगे।