नई दिल्ली, भारत-चीन के बीच लद्दाख में सीमा विवाद की वजह से देश में चीनी प्रोडक्ट के बहिष्कार का आह्वान किया जा रहा है। अगर बात स्मार्टफोन बाजार की करें तो इस पहल से सैमसंग को बड़ा फायदा हो सकता है। बाजार के जानकारों का मानना है कि वीवो को पीछे छोड़ते हुए सैमसंग सितंबर के आखिर तक दूसरे नंबर पर कब्जा कर सकती है।
सैमसंग को एंटी-चाइना सेंटीमेंट और देश में चाइनीज ब्रांड के स्मार्टफोन उपलब्धता नहीं होने का सीधा फायदा मिल सकता है। काउंटर पॉइंट रिसर्च में निदेशक नील शाह ने कहा, “सप्लाई चेन बाधित होने और मैन्युफैक्चरिंग ठप पड़ने से डिमांड होने पर भी चीनी ब्रांड मार्केट में अपने स्मार्टफोन बेचने की स्थिति में नहीं हैं। कोरिया और चीन के अलग-अलग हिस्सों से सैमसंग की सप्लाई ज्यादा डायवर्सिफाइड है।
सैमसंग जून तिमाही में नंबर 2 की पोजिशन पर भी पहुंच सकती है। काउंटर पॉइंट के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी-मार्च 2020 की अवधि के दौरान शिओमी, वीवो और सैमसंग की बाजार हिस्सेदारी 30 फीसदी, 17 और 16 फीसदी रही है।
चीनी प्रोडक्ट के विरोध के बीच सैमसंग ने भी भारतीय बाजार में अपनी स्थिति और मजबूत करने के लिए 10-20,000 रुपये की रेंज में 4 स्मार्टफोन लॉन्च किए हैं। फिलहाल इस प्राइस सेगमेंट में सबसे ज्यादा डिमांड देखने को मिल रही है।
ओवरऑल स्मार्टफोन मार्केट में चीनी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी 81 फीसदी है। साल की पहली तिमाही में चीनी कंपनियों की ऑनलाइन मार्केट में हिस्सेदारी 85 फीसदी रही है। सैमसंग को आक्रामक तरीके से ऑनलाइन मार्केट पर फोकस करना चाहिए।