खाजूवाला, भारत–पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जहां बीएसएफ के जवान दिन-रात पहरा देते हैं वही सन्नाटे में तारबंदी पर बंदी बोतले भी जवानों को अलर्ट करती रहती है।
तारबंदी से छेड़छाड़ होने पर बोतले खनखनाहट से गूंजने लगती है। जिससे जवान अलर्ट होकर बॉर्डर पर अपनी चौकसी बढ़ा देते हैं। बॉर्डर पर तारबंदी करने के साथ पीतल की घंटियां बांधी गई थी और बॉर्डर पर बसरे सन्नाटे की शून्यता को तोड़ देती थी। धीरे-धीरे घंटियां कम होने लगी और नई घंटियां लगाने के लिए बीएसएफ को बजट नहीं मिला। जिसके चलते बीएसएफ के जवानों ने देशी जुगाड़ लगाकर घंटियों की जगह बोतलों को जोड़े से बांध दिया। ऐसे में अब घंटियों की आवाज की जगह बोतलों की खनखनाहट सुनाई देती है।
बीएसएफ के जवान बताते हैं कि रात को सन्नाटा पसरा होता है यह खनखनाहट और घंटियों की आवाज ही शून्यता को तोड़ती है। खासकर सीमा पार से किसी घुसपैठिए को तारबंदी के पास फटकने नहीं देती घंटियों या बोतलों के टकराने की आवाज इस तरह बीएसएफ के अलर्ट होने का संदेश देती है।