R.खबर ब्यूरो। बीकानेर से बड़ी खबर सामने आई है जंहा जिला कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई के दौरान एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया, जहां दांत दर्द के इलाज के लिए अस्पताल गई एक युवती को पीबीएम अस्पताल में एचआईवी पॉजिटिव बता दिया गया। यह खबर युवती और उसके परिवार के लिए बड़े सदमे से कम नहीं थी। अस्पताल की रिपोर्ट के आधार पर युवती को एआरटी सेंटर से एचआईवी की दवाईयां भी दी जाने लगीं लेकिन जब परिवार को रिपोर्ट पर संदेह हुआ और उन्होंने दिल्ली के एम्स में दोबारा जांच कराई, जहां युवती एचआईवी नेगेटिव निकली।
इस गलत रिपोर्ट ने युवती और उसके परिवार की जिंदगी में उथल-पुथल मचा दी। जिस समाज में एचआईवी को अभी भी कलंक की तरह देखा जाता है, वहां इस झूठी रिपोर्ट ने युवती को मानसिक तनाव और सामाजिक बहिष्कार का सामना करने पर मजबूर कर दिया।
अस्पताल की अजीब सलाह:-
जानकारी के अनुसार सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि पीबीएम अस्पताल ने युवती को एचआईवी पॉजिटिव युवक से शादी करने की सलाह तक दे दी। इतना ही नहीं अस्पताल ने ऐसे युवकों की जानकारी भी दी, जो पहले से एचआईवी संक्रमित थे। यह न केवल गैर-जिम्मेदाराना रवैया था, बल्कि परिवार के दर्द को और बढ़ाने वाला था। घटना ने सरकारी अस्पतालों की जांच प्रक्रिया और उनकी विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जनसुनवाई में जब यह मामला जिला कलेक्टर के सामने आया, तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और तुरंत जांच के आदेश दिए। अब सवाल यह है कि क्या दोषियों पर कोई कार्रवाई होगी, या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दब जाएगा?