नई दिल्ली, आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 68वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व खिलौना उद्योग सात लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का है लेकिन इसमें भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है। उन्होंने कहा, ”देश में स्थानीय खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है। कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं। लेकिन आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि विश्व खिलौना उद्योग सात लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का है, सात लाख करोड़ रुपयों का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है।
इसे आगे बढ़ाने के लिए देश को मिलकर मेहनत करनी होगी। प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप और नए उद्यमियों से खिलौना बनाने का आह्वान करते हुए कहा, ”अब सभी के लिए लोकल खिलौनों के लिए वोकल होने का समय है। आइए, हम अपने युवाओं के लिए कुछ नए प्रकार के, अच्छी गुणवत्ता वाले खिलौने बनाते हैं। खिलौना वो हो जिसकी मौजूदगी में बचपन खिले भी, खिलखिलाए भी। हम ऐसे खिलौने बनाएं, जो पर्यावरण के भी अनुकूल हों। विशाखापत्तनम निवासी सी.वी. राजू की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतरीन गुणवत्ता के खिलौने बनाकर उन्होंने स्थानीय खिलौनों की खोई हुई गरिमा को वापस ला दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”खिलौनों के साथ हम दो चीजें कर सकते हैं। अपने गौरवशाली अतीत को अपने जीवन में फिर से उतार सकते हैं और अपने स्वर्णिम भविष्य को भी संवार सकते हैं.” उन्होंने कहा कि बच्चों के जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर खिलौनों के प्रभाव का नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी बहुत ध्यान दिया गया है।
‘कंप्यूटर गेम्स’ बनाएं युवा उद्यमी आत्मनिर्भर भारत’ में डिजिटल खेलों की भूमिका को अहम बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के युवा उद्यमियों से भारत में और भारत के ”कंप्यूटर गेम्स” बनाने का आह्वान किया। मोदी ने बच्चों और युवाओं में कंप्यूटर गेम्स के बढ़ते प्रचलन की चर्चा करते हुए कहा कि आज इस प्रकार के जितने भी गेम्स होते हैं, उनका मजमून अधिकतर बाहरी होता है जबकि देश में ऐसे विचारों का समृद्ध इतिहास रहा है।
उन्होंने कहा, ”मैं देश की युवा प्रतिभा से कहता हूं कि आप भारत में भी गेम्स बनाइए और भारत के भी गेम्स बनाइए। कहा भी जाता है …तो चलो, खेल शुरू करते हैं।” उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में डिजिटल गेम्स सहित अन्य क्षेत्रों को बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है और भारत के लिए अवसर भी है।