हाड कंपा देने वाली कड़कड़ाती ठंड में अन्नदाता रात्रि में भी टेंट में रहने को मजबूर


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खाजूवाला, सिंचाई पानी की मांग को लेकर किसानों का अनिश्चितकालीन धरना एसडीएम कार्यालय के बाहर लगातार दसवें दिन भी जारी है। किसानों की मांग है कि आगामी फरवरी और मार्च महीने में सिंचाई पानी का रेगुलेशन तय कर किसानों के खेतों में खड़ी सरसों गेहूं चने की फसल को पकाया जाए। अनिश्चितकालीन धरने में किसान रात्रि में ही डटे रहते हैं। कड़कड़ाती ठंड में हाड़ कंपा देने वाले इस सर्दी में भी किसान रात्रि में भी टैंट के नीचे रहने को मजबूर हैं।

हालांकि रविवार को धरना स्थल से किसानों के एक शिष्टमंडल को प्रशासन ने मौके पर बुलाकर वार्ता भी की। किसानों ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि जब तक सिंचाई पानी मिलने की घोषणा नहीं की जाएगी तब तक धरना नहीं हटाएंगे।

किसानों का कहना है कि इस आंदोलन को अब और उग्र किया जाएगा। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी उच्च अधिकारियों से वार्ता कर मामले को सुलझाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। हालांकि सिंचाई विभाग के उच्च अधिकारी दबी जुबान में यह बात स्वीकार भी कर रहे हैं कि किसानों के खेतों में खड़ी फसल को पकाया जाएगा।

हालांकि रेगुलेशन की बात पर सिंचाई विभाग अभी भी मौन है। जनवरी महीने के अंतिम सप्ताह में होने वाली बीबीएमबी बैठक पर सिंचाई विभाग राजस्थान के हिस्से का शेयर बढ़ाकर फरवरी महीने में किसानों को पानी देने पर विचार विमर्श कर रहा है। इधर किसान आंदोलन को और अधिक उग्र कर यह जताने का प्रयास कर रहे हैं कि किसानों के दबाव में ही सिंचाई पानी मिल पाएगा।

इस मौके पर सीसीबी चेयरमैन भागीरथ ज्याणी, जिलाध्यक्ष थानसिंह भाटी, रणवीर भाम्भू, कुलविंद्र अरोड़ा, जगविंदर सिंह, हरिओम ओड, करण पुनिया, पवन भादू, राधेश्याम गोदारा, रामसिंह राजपुरोहित, मोहनलाल गजरा, जगदीश सिहाग, विनोद बिस्सू सहित दर्जनों किसान उपस्थित रहे।