नई दिल्ली, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड में लागत कटौती की कैंची चलने की संभावना है। कंपनी के एक प्रस्ताव के मुताबिक, उसके एमडी व सीईओ राजीव ठक्कर को उनके मौजूदा तीन साल के कार्यकाल के लिए कोई सैलरी नहीं दी जाएगी।
कंपनी ने अपनी वार्षिक आम सभा की सूचना में कहा है कि वोडाफोन आइडिया ठक्कर के कंपनी के काम के चलते होने वाले खर्चे वहन कर सकती है। वोडाफोन आइडिया ने बलेश शर्मा के इस्तीफे के बाद ठक्कर को तीन साल के लिए अपना एमडी और सीईओ नियुक्त किया था। उनका कार्यकाल 19 अगस्त 2019 से प्रभावी है। उन्हें उनके कार्यकाल के लिए ‘शून्य पारिश्रमिक’ दिया जाएगा।
निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी घाटे में है और वित्तीय संकट से गुजर रही है। सरकार के दावे के अनुसार, कंपनी को एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) बकाये के रूप में 58,250 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। अभी कंपनी इसमें से 7,854 करोड़ रुपये का ही भुगतान कर सकी है।
इसी के साथ कंपनी के यूजरों की संख्या भी लगातार घट रही है। अगस्त 2018 में वोडाफोन और आइडिया के विलय के वक्त दोनों के मिलाकर 43 करोड़ उपभोक्ता थे। अब यह घटकर 30.9 करोड़ रह गए हैं।