योगगुरु रामदेव की ‘कोरोनिल’ को मद्रास हाई कोर्ट ने लगाई फटकार

नई दिल्ली, कोविड-19 के उपचार के रूप में पेश की गई योगगुरु रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद की दवा ‘कोरोनिल’ को मद्रास हाई कोर्ट से झटका लगा है। उसने कंपनी को ट्रेडमार्क ‘कोरोनिल’ का इस्तेमाल करने से रोक दिया है।

पतंजलि की ओर से कोरोनिल पेश किए जाने के बाद आयुष मंत्रालय ने एक जुलाई को कहा था कि कंपनी इम्‍यूनिटी बूस्‍टर के रूप में यह दवा बेच सकती है। इसकी बिक्री कोविड-19 के इलाज की दवा के तौर पर नहीं की जानी चाहिए।

जस्टिस सीवी कार्तिकेयन ने चेन्नई की कंपनी अरुद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड की याचिका पर 30 जुलाई तक के लिए यह अंतरिम आदेश जारी किया। अरुद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड ने कहा कि ‘कोरोनिल’ 1993 से उसका ट्रेडमार्क है।

कंपनी के अनुसार, उसने 1993 में ‘ कोरोनिल-213 एसपीएल’ और ‘कोरोनिल-92बी’ का रजिस्‍ट्रेशन कराया था। वह तब से उसका नवीकरण करा रही है। यह कंपनी भारी मशीनों और कंटेनमेंट यूनिटों को साफ करने के लिए केमिकल और सैनेटाइजर बनाती है।

अपने दावे को साबित करने के लिए याचिकाकर्ता ने उत्‍पादों की बिक्री के बिलों को पेश किया। ये पिछले पांच साल के थे। कंपनी ने कहा, ”अपनी दवा के लिए पतंजलि ने जो ट्रेडमार्क अपनाया है, वह कंपनी के ट्रेडमार्क से बिल्‍कुल मिलता है।