नई दिल्ली, देश में लॉकडाउन के चलते सभी के कंपनियों के कर्मचारी घर से काम कर रहे है, जिसका नतीजा कुछ हद तक बेहतर देखने को मिला लॉकडाउन के बाद भी आईटी कंपनियों के आधे कर्मचारी घर से काम कर सकते हैं। आईटी कंपनियां इसके लिए देश के टैक्स और श्रम कानूनों में बदलाव की मांग कर रही हैं। लॉकडाउन के चलते आईटी कंपनियों के कई कर्मचारी पहले से ही वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। यह इंडस्ट्री 191 अरब डॉलर की है। इस महामारी से सेक्टर के कामकाज के तरीकों में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।
इस महीने के शुरू में प्रमुख आईटी कंपनियों के दिग्गजों की सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इसमें उद्योग के लीडरों ने बताया था कि 50 फीसदी आईटी कर्मचारी जल्द घर से काम करेंगे। अभी 43 लाख लोग आईटी सेक्टर में काम करते हैं। सरकार के अधिकारियों ने पूछा था कि इस बदलाव के लिए उद्योग को किस तरह के कानूनी प्रावधानों की जरूरत होगी। सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि उद्योग संगठन नास्कॉम को एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। यह रिपोर्ट संबंधित मंत्रालयों और विभागों को भेजी जाएगी। इसके बाद कोई फैसला किया जाएगा।
इंडस्ट्री ने हाल में जुलाई तक दी गई कुछ रियायतों को स्थायी रूप से देने की गुहार लगाई है। इसमें बैक-ऑफिस कंपनियों को काम करने के लिए टेलीकॉम नियमों में नरमी के नियम शामिल हैं। इंफोसिस के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर यूबी प्रवीण राव ने कहा कि आने वाले समय में वर्क फ्रॉम होम एक सामान्य बात हो जाएगी। लेकिन, इसके पहले काफी तैयारी की जरूरत पड़ेगी। कई पहलुओं को देखना होगा। नास्कॉम अभी वर्क फ्रॉम होम के नजरिये से श्रम कानूनों की समीक्षा कर रहा है। इस हफ्ते सरकार को रिपोर्ट भेज दी जाएगी। वित्त वर्ष 2019-20 में देश का सॉफ्टवेयर निर्यात 147 अरब डॉलर रहा।