R.खबर: कोरोना के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को ही बनाएं आदत


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खाजूवाला, R.खबर द्वारा आमजन को सन्देश दिया जा रहा है की कोरोना से लड़ाई लंबी हो सकती है। ऎसे में आमजन को इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को ही आदत में शुमार करना होगा। R.खबर द्वारा आमजन से लॉकडाउन-3 में मिली रियायतों में लापरवाही ना बरतने का भी आव्हान किया।

कोरोना कब खत्म होगा लेकिन यह जरूरी है कि यदि आमजन इस दौरान सरकार द्वारा दी जा रही गाइडलाइन का अनुसरण मसलन मास्क लगाएं, बार-बार हाथ धोते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे, कम से कम आए-जाए तो बीमारी को फैलने से रोका जरूर जा सकता है। ज्यादा दिनों तक लॉकडाउन बढ़ना अर्थव्यवस्था की सेहत के लिए ठीक नहीं है। ऎसे में हर व्यक्ति को सहयोग करना होगा। इस बीमारी में बचाव ही एकमात्र उपचार है।

लगभग 50 फीसद मरीज हुए पॉजीटिव से नेगेटिव
R.खबर की जानकारी के अनुसार चिकित्सा विभाग और प्रदेश भर के लिए यह राहत की खबर है कि प्रदेश में लगभग 50 फीसद लोग पॉजीटिव से नेगेटिव चिन्हित किए गए हैं। बुधवार 2 बजे तक प्रदेश में 3240 कोरोना पॉजीटिव की संख्या थी, इनमें से 1596 लोग पॉजीटिव से नेगेटिव हो गए हैं और 1131 को तो अस्पतालों से भी डिस्चार्ज कर दिया गया है। यह चिकित्सकों की मेहनत और सरकार की बेहतरीन चिकित्सा व्यवस्था के चलते ही संभव हो पाया है।

राजस्थान बना प्लाज्मा थैरेपी करने वाला चौथा राज्य
जयपुर का सवाईमानसिंह अस्पताल प्रदेश का पहला ऎसा अस्पताल बन गया है, जहां दो लोगों का ट्रायल बेस पर प्लाज्मा थैरेपी से इलाज किया गया है। केरल, मध्यप्रदेश और दिल्ली के बाद चौथा ऎसा राज्य बन गया है, जो प्लाज्मा थैरेपी के जरिए कोरोना का इलाज कर पाने में सक्षम है। प्लाज्मा थैरेपी के जरिए उन्हीं मरीजों को इलाज किया जा सकता है, जो गंभीर रूप से संक्रमित हो, वेंटिलेटर पर हो या किडनी, हार्ट, डायबिटीज जैसी अन्य क्रॉनिकल बीमारियों से ग्रसित हो।

प्रतिदिन हो रही हैं 10500 से ज्यादा जांचें
R.खबर की जानकारी के अनुसार प्रदेश में 10 हजार 500 टेस्ट प्रतिदिन किए जा रहे हैं। प्रतिदिन की जांच क्षमता में भी लगातार इजाफा किया जा रहा है। प्रदेश में 1 लाख 40 हजार से ज्यादा सैंपल अभी तक लिए जा चुके हैं। जितनी ज्यादा जांचें होंगी, कोरोना की असलियत का उतना ही जल्दी पता चलेगा और पर उतना ही जल्दी उनके उपचार, आइसोलशन, आईसीयू, क्वारेंटाइन करने जैसे फैसले तुरंत ले सकेंगे और संक्रमण के खतरे को कम कर सकेंगे।