खाजूवाला, अपने घरों से लगभग दो माह पहले निकले अप्रवासी मजदूर अब अपने-अपने घरों को जाने लगे हैं। पंजाब और हरियाणा तथा मध्यप्रदेश के मजदूरों को भी घर पहुंचाने का कार्य सरकार द्वारा शुरू कर दिया है। अनूपगढ़ डिपो की इन मजदूरों को बसों द्वारा खाजूवाला से रवाना करते समय इनके चहरों पर खुशी देखी गई।
दहाड़ी मजदूरी करने के लिए हरियाणा, पंजाब व अन्य राज्यों से लोग खाजूवाला तथा मोहनगढ़, नाचना, बज्जू आदि क्षेत्रों में हर साल आते है। लेकिन इन साल कोरोना महामारी के चलते यह मजदूर यहीं फंस गए। अपने घरों से जब ये अप्रवासी मजदूर मजदूरी करने के लिए निकले थे तो इनको नहीं पता था कि घर आना इतना मुश्किल हो जाएगा कि सैंकड़ों मील पैदल चलने के बाद भी घर नसीब नहीं होगा और बीच रास्ते में रूक-रूक कर घर पहुंचेंगे। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के श्रीगंगानगर तथा हनुमानगढ़ से हजारों की संख्या में हर वर्ष मजदूर जैसलमेर के मोहनगढ, रामगढ, नाचना आदि क्षेत्र में मजदूरी करने जाते हैं। जैसे ही गेहूं और चना की फसल कटाई का समय समाप्त हुआ और पूरी दूनियां में कोरोना जैसी भयंकर बीमारी ने अपना रौन्द्र रूप धारण कर लिया और देश वासियों को अपने आगोश में ले लिया तो मजदूर वर्ग खासा परेशान हो गया। खाजूवाला प्रशासन द्वारा इन मजदूरों को अपने घर भेजने के प्रयास लगातार जारी रहे। जिसके चलते पंजाब मजदूरों को पूर्व में बसों द्वारा भेजा गया वहीं गुरुवार को हरियाणा के मजदूरों को भी गुरुवार को बस द्वारा भेजा गया है।