जोधपुर, जेल में बंद नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी आसाराम बापू को भी अब कोरोना से डर लगने लगा है। इसी बीच आसाराम के अनुयाईयों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देकर रिहाई की मुहिम शुरू की है। ऐसा माना जा रहा है कि जेल प्रशासन चाहे तो आसाराम बापू को रिहा किया जा सकता है। इसी उम्मीद में आसाराम के अनुयाईयों ने जेल अधिकारियों के सामने उसकी रिहाई की मांग का प्रतिवेदन दिया है।
नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी आसाराम की अधिक उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए उसके शुभचिंतकों ने उसकी रिहाई की मांग की है। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हजारों कैदियों को रिहा किया जा रहा है। इससे पहले आसाराम के समर्थक भी सोशल मीडिया पर उकी रिहाई की अपील कर रहे हैं।
जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद 1,375 कैदियों में आसाराम बापू भी शामिल है। बीते दिनों कोरोना के बहाने खुद को पैरोल पर छोड़े जाने की मांग को लेकर आसाराम के भूख हड़ताल पर बैठने की भी खबर आई थी। बताया जाता है कि आसाराम को कोरोना के कारण कैदियों के बीच डर लग रहा है।
एक अगस्त, 2013 को उजागर हुए इस मामले में 31 अगस्त, 2013 को आसाराम की इंदौर से गिरफ्तारी हुई थी। वहीं 25 अप्रैल को जोधपुर की अदालत ने उन्हें नाबालिग से दुष्कर्म करने का दोषी माना था। तब से आसाराम बापू जेल में बंद हैं।