R.खबर ब्यूरो। दौसा के नांगल के कालीखांड गांव में 5 साल का मासूम आर्यन गहरे बोरवेल में गिर गया था। 3 दिन से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था, जिसमें 150 फीट की गहराई पर फंसे 5 साल के आर्यन को बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे थे। 56 घंटे बाद “ऑपरेशन आर्यन” को सफलता तो मिली, लेकिन आर्यन की जिंदगी को नहीं बचा पाए।
दौसा जिले में 3 दिन से बोरवेल में फंसे 5 साल के मासूम आर्यन की मौत हो गई है। आर्यन को करीब 56 घंटे बाद बोरवेल से बाहर निकाला गया था। उसे एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एंबुलेस से हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरो ने उसे मृत घोषित कर दिया।
एनडीआरएफ की टीम ने रात करीब 11 बजे एक बार फिर अंम्ब्रेला उपकरण, रिंग उपकरण और रस्सी से बंधी हुई रॉड को बोरवेल में डाला और तीनों को एक साथ खींचते हुए बच्चे को बाहर निकाल लिया। बच्चा बेहोशी की हालत में था। उसे एंबुलेंस से दौसा जिला अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल लाते ही ईसीजी समेत सभी प्रकार की जांचे की गई, लेकिन उसकी सांसें थम चुकी थी। घर पर मां को बेटे को अस्पताल ले जाने की जानकारी मिली, तो वह रोने लगीं। कुछ देर बाद आर्यन की माँ बेहोश हो गईं।
पांच वर्षीय आर्यन को बोरवेल से बाहर लाने में 56 घंटे बाद NDRF को सफलता तो मिली, लेकिन फिर भी निराशा ही हाथ लगी। आर्यन को देशी तरीके से बाहर निकाला गया था। एंबुलेंस के जरिए आर्यन को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां ICU में आर्यन का चेकअप किया गया था। शिशु रोग विशेषज्ञों द्वारा को हर तरीके जांच की गई, लेकिन आर्यन ने हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह दिया। आर्यन की मौत की खबर से गांव में मातम छा गया है।