मंत्रिमंडल के विस्तार व विभागों में फेरबदल की चर्चा, ये विधायक मंत्री पद में सबसे आगे
जयपुर। उपचुनाव के बाद भजनलाल सरकार में मंत्रीमंडल विस्तार और विभागों में फेरबदल की चर्चा शुरु हो गई है हालांकि ये तय है कि मलमास के बाद ही इसकी घोषणा होगी। प्रदेश में मलमास 15 दिसंबर से शुरु होने जा रहे हैं और अगले साल जनवरी में खत्म होंगे। उधर राइजिंग राजस्थान और सरकार की पहली वर्षगांठ की तैयारियों में सत्ता और संगठन व्यस्त रहेंगे। उपचुनाव के बाद मंत्री पद के दावेदार भी सरकार में बढ़े है। इनमें से किसी एक या दो चेहरों को मौका मिल सकता है। इनमें नए नाम झुंझुनूं से राजेंद्र भांबू के अलावा खींवसर से रेवंतराम डांगा आदि के नाम मंत्रीपद पर दावेदारों में निकलकर आ रहे हैं।
प्रदेश में नियम अनुसार सीएम सहित कुल 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में सीएम सहित 24 मंत्री बने हुए हैं। मंत्रियों के छह पद रिक्त हैं और मंत्री पद से डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने इस्तीफा दे रखा है। ऐसे में सरकार 1 या 2 मंत्रियों को बदलती है तो 7 या 8 विधायक मंत्री बन सकते हैं। ऐसा करके क्षेत्र और और समाजों के प्रतिनिधित्व को बैलेंस किया जा सकता है । साथ ही सियासी और राजनीतिक तौर पर साधा जा सकता है।
उदाहरण से समझे कि श्रीगंगानगर में मंत्री उप चुनाव हार गए थे और मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। ऐसे में इस क्षेत्र से प्रतिधिनिधित्व देकर भरा जा सकता है। इस तरह सादुल शहर से गुरुवीर सिंह या श्रीगंगानगर से जयदीप बियानी दावेदार है। उधर अन्य दावेदारों में निम्बाहेड़ा से श्रीचंदकृपलानी, पुष्पेंद्र सिंह बाली, आदूराम मेघवाल, हंसराज मीणा, गोरधन वर्मा, के अलावा उप चुनाव जीते भाजपा के विधायकों के नाम चर्चा में है। विभाग में बदलाव से मंत्रियों के विवाद खत्म करने की रणनीति राजस्थान सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग अलग – अलग है। तबादलों को लेकर दो मंत्रियों में मतभेद सामने आ चुके है। ऐसे में किसी एक मंत्री के विभाग में बदलाव देखने को मिल सकता है। माना जा रहा है कि इस्तीफा दे चुके मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल को नए विभागों से भी नवाजा जा सकता है।