साहब 50 हजार से कम में नहीं मानेंगे… ACB ने बिछाया जाल, रीडर और थानाधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज


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साहब 50 हजार से कम में नहीं मानेंगे… ACB ने बिछाया जाल, रीडर और थानाधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज

जयपुर। रिश्वत की चाह में पुलिस किस तरह काम करती है, इसका एक मामला सामने आया है। दो पक्षों में विवाद पर एफआइआर दर्ज हुई। आपसी समझौते के बाद दोनों पक्षों ने विवाद निपटा लिया, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई ड्रॉप (एफआर) करने से इनकार कर दिया।

तूंगा थाने के इस मामले में थानाधिकारी के रीडर ने परिवादी से पचास हजार रुपए की रिश्वत मांग ली। एसीबी ने रीडर व थानाधिकारी को ट्रैप करने के लिए जाल बिछाया, लेकिन उन्हें भनक लग गई शिकायत की पुष्टि होने पर एसीबी ने रीडर और थानाधिकारी के खिलाफ रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया है।

यह एफआइआर लूंगा थाने के तत्कालीन थानाधिकारी महेश कुमार और उनके रीडर अशोक के खिलाफ दर्ज की गई है। महेश कुमार का तबादला हाल ही तूंगा थाने से पुलिस आयुक्त की अपराध शाखा में किया गया है। एसीबी के पास शिकायत जून में आई थी। परिवादी ने बताया कि पड़ोसी से विवाद होने पर 15 मई को तूंगा थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी।


इसकी जांच थानाधिकारी महेश कुमार के पास ही थी। बाद में दोनों पक्षों ने समझौता कर जानकारी थानाधिकारी के रीडर अशोक को दी और कहा कि एफआर लगा दीजिए ट्रैप की भनक लगी तो बोला.. तू परिवादी, तेरे से रुपए नहीं लेंगे इसके बाद एसीबी ने थानाधिकारीकी तस्दीक के प्रयास किए लेकिन थानाधिकारी बहाने बनाकर परिवादी से नहीं मिला।
इस बीच रीडर को कार्रवाई की भनक लग गई। उसने शिकायतकर्ता से कहा कि तू परिवादी है, तेरे से रुपए नहीं लेंगे। ट्रैप फेल होने के बाद एसीबी ने रिश्वत मांगने की धाराओं में मामला दर्ज किया है।