राजस्थान प्रदेश में दलितों पर बढ रहा है अत्याचार- रवि मेघवाल


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छत्तरगढ़, राजस्थान प्रदेश में आये दिन किसी न किसी कौने पर दलित के साथ अत्याचार की सूचियां अखबार की खबर बनती है।रविवार को हमारे बीकानेर जिले के छत्तरगढ थाना क्षेत्र के गांव खारबारा की घटना जहां एक दलित महिला श्रीमती शकुन्तला कडेला व उनके बच्च्चों को कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा पीटा गया, जिसके कारण रविवार को पीबीएम अस्पताल में दलित महिला की मृत्यु हो चुकी है। राजस्थान प्रदेश में हाल ही में नागौर जिले के करणु गांव में दलित के साथ शर्मसार घटना हो या अलवर जिले में दलित महिला के साथ हुई घटना हो या बाडमेर व जै्रसलमेर में युवक के अमानवीय कृत्य व बर्बरतापूर्ण मारपीट की घटना बेहद निंदनीय है। लगातार हो रही ऐसी घटनाएं इस बात का प्रमाण है कि गहलोत सरकार में कानून व्यवस्था चैपट हो गयी है और राज्य सरकार अपराध पर लगाम कसने में अब तक के कार्यकाल में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। प्रदेश में धीरे-धीरे जो घटनाऐं आये दिन घटित हो रही, उससे ऐसा लग रहा है कि प्रदेश जंगल राज की ओर बढ रहा है, जिससे कोई भी कोर्ट, प्रशासन व पुलिस का भय खत्म हो रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो कि राजस्थान के गृहमंत्री भी है, उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि कानून व्यवस्था को सुदृढ करे व संविधान की रक्षा हो और दलितों पर हो रहे अत्याचारों पर लगाम लगे। हाल ही में प्रदेश में सामाजिक समरसता का अभाव बढता जा रहा है। दलितों व गरीबों पर प्रभावशाली लोगों द्वारा आये दिन उत्पीडन, शौषण, दूल्हें को घोडी से उतारना यह सामान्य घटना हो चुकी है। अगर सरकार समय रहते नहीं चेती तो प्रदेश में जंगल राज हावी हो जायेगा जो कि प्रदेश के हित व विकास में हानिकारक साबित होगा।