कभी करता था आर्मी भर्ती होने की तैयारी
पिता ने बकरियां बेचकर खुलवाई थी दुकान
R.खबर, ब्यूरो। पाकिस्तानी महिला एजेंटों के लिए जासूसी के आरोप में पकड़ा गया आनंदराज कभी खुद सेना में भर्ती होना चाहता था। तैयारी के लिए दौड़ लगाता था। कामयाब नहीं हुआ तो उसके मां-बाप ने बकरियां बेचकर आर्मी कैंट एरिया में वर्दी की दुकान खुलवाई थी। 2 लाख रुपए ब्याज पर उधार भी लिए। वहीं, बेटा पाकिस्तानी एजेंटों के जाल में ट्रैप हो गया।
आनंदराज एक नहीं तीन-तीन पाकिस्तानी महिला एजेंट के संपर्क में था। एक के प्रेमजाल में फंसकर शादी करने को तैयार हो गया था। पैसों के बदले आनंदराज ने कई खुफिया राज दुश्मन एजेंटों के साथ शेयर कर दिए।
मेरा बेटा फौजी बनना चाहता था:-
गिरफ्तार युवक आनंदराज बहरोड के खूंदरोठ का रहने वाला है। उसका परिवार खूंदरोठ की पहाड़ी से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर करीब 20 साल से एक आधे पक्के मकान में रह रहा है। मकान के नाम पर घर में केवल दो कमरे बने हुए हैं। एक पशुओं के लिए टीन शेड का बाड़ा बना रखा है।
आनंदराज के पिता नेमपाल सिंह और मां मुकेश कंवर तब घर में ही मौजूद थे। जासूसी के आरोप में बेटे की गिरफ्तारी को लेकर बदनामी से सहमे हुए हैं। हमने बात शुरू की तो दोनों ही फफक कर रोने लगे।
आनंदराज की मां रोते हुए बोली कि उन्हें बेटे की जासूसी के बारे में कुछ पता नहीं है। मेरा बेटा जासूस नहीं हो सकता है। उसे धोखे में लिया गया है। उसे तो देश से बहुत लगाव था। हमेशा कहता था देशसेवा का मौका मिलेगा तो वह जाएगा। वह तो 12वीं पास है और फौज में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था। रोजाना सुबह दौड़ लगाने के लिए भी जाता था।
मामा की सलाह पर खोली थी दुकान:-
उसके मामा की भी पंजाब में आर्मी के सामान की दुकान है। करीब तीन साल पहले आनंद हरियाणा में भिवानी जिले के खरक गांव में शादी में गया था। इसी दौरान रिश्ते में मामा लगने वाले कृष्ण सिंह से उसकी मुलाकात हुई थी।
उन्होंने सुझाव दिया कि आर्मी कैंट के बाहर कहीं पर भी फौजी सामान की दुकान कर ले। उनकी पंजाब में आर्मी के सामान की दुकान है। दुकान का काम अच्छा चल रहा था। इसलिए करीब 9 महीने पहले ही आर्मी एरिया में दुकान करवाई थी। काम नहीं चला तो बंद करवा दी थी।
3 लाख में बकरियां बेची, 2 लाख उधार लिए:-
शादी से लौटने के बाद आनंदराज ने अपने पिता नेमपाल सिंह से आर्मी कैंट एरिया में कपड़ों की दुकान खोलने की जिद की। घर में किसी के पास रुपए नहीं थे। तब उन्होंने आनंदराज को व्यवस्था करने की बात कही। नेमपाल ने बकरियां चराते थे। बेटे को दुकान खुलवाने के लिए नेमपाल ने अपनी सारी बकरियां बेचकर 3 लाख रुपए जमा किए।
गांव के ही एक परिचित से 2 लाख रुपए उधार ले लिए। तब जाकर श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ स्थित कैंट एरिया में 28 नवंबर 2022 को दुकान खुलवाई। दुकान पर आनंदराज कपड़े सिलाई के साथ-साथ नेम प्लेट और अन्य सामान रखता था। कई महीने तक दुकान नहीं चली।
इस दौरान जेब से दुकान का किराया भरते रहे। लगातार नुकसान होता रहा, तब 1 जुलाई 2023 को दुकान बंद कर डाली। आनंदराज का एक छोटा भाई अजय सिंह भी है। दुकान नहीं चली तो दोनों भाई घीलोठ इंडस्ट्रियल एरिया में ओजास कंपनी में काम करने लग गए। कंपनी में 12 घंटे काम करके लौटते थे।
आनंदराज के पिता नेमपाल ने बताया कि बेटा किस से बात करता था, क्या बातें होती थी उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। परिवार में कोई ज्यादा पढ़ा लिखा भी नहीं है, जो इन बातों को समझ सके।
एक ही एजेंट के शिकार हुए विक्रम और आनंदराज:-
आर्मी इंटेलिजेंस और पुलिस ने बीकानेर की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में 28 फरवरी को आर्मी कैंटीन संचालक विक्रम सिंह को पकड़ा था। उसके मोबाइल से इंटेलिजेंस काे कई चौंकाने राज मिले।
पता लगा कि पाकिस्तानी महिला एजेंट राजस्थान के ही कई युवकों के संपर्क में है। विक्रम सिंह के मोबाइल से इंटेलिजेंस को 1000 ऑडियो, वीडियो कॉल व 3 हजार से ज्यादा टेक्स्ट मैसेज मिले थे। जिनके जरिए सेना के मूवमेंट, नए हथियारों के ट्रायल की जानकारी के अलावा सैन्य अधिकारियों के दौरे की डिटेल्स भेजी गई थी।
यह भी जानकारी सामने आई कि विक्रम सिंह को अनिता बनकर जिस पाक महिला एजेंट ने हनीट्रैप के जाल में फंसाया है, वही बहरोड़ के किसी आनंदराज से सुनीता बनकर बात करती है। आर्मी इंटेलिजेंस ने आनंदराज को 15 मार्च को आर्मी की सूचनाएं लीक करने पर गिरफ्तार किया था।
इंटेलिजेंस का खुलासा : वीडियो कॉल पर न्यूड होकर करती बात:-
जांच में सामने आया है कि महिला एजेंट वीडियों कॉल पर ही बात करती थी। जब भी उसे कुछ उगलवाना होता था, कॉल के दौरान महिला एजेंट न्यूड हो जाती थी। फिर वे युवक को भी झांसे में लेकर कपड़े उतरवा लेती थी। इस दौरान एजेंट वीडियो रिकॉर्ड कर लेती और फिर गोपनीय जानकारी शेयर करने के लिए ब्लैकमेल करती। आनंदराज पाक महिला एजेंट सुनीता के संपर्क में था। सुनीता के अलावा भी वह दो अन्य पाक एजेंट के चंगुल में फंस चुका था।
तीन युवतियों के संपर्क में था आनंदराज:-
- विक्रम के लिए अनिता और आनंदराज के लिए सुनीता : आनंदराज तीन युवतियों के संपर्क में था। पहली युवती सुनीता बनकर आनंद से बात करती थी। ये वही पाक एजेंट है जो विक्रम सिंह से अनिता बनकर बात करती थी। शातिर पाक एजेंट ने आनंदराज से कई बार वीडियो कॉल पर न्यूड होकर बात की थी।
- प्रिया अग्रवाल : आर्मी अधिकारी बनकर करती बात
दूसरी एजेंट प्रिया अग्रवाल बनकर आनंदराज के संपर्क में आई थी। उसने खुद को आर्मी अस्पताल में सैन्य अधिकारी बताया था। रोजाना सुबह-शाम आनंद से बात करती थी। - प्रिया की दोस्त बनकर पूजा ने भी झांसे में लिया : प्रिया अग्रवाल ने ही एक और एजेंट साथी का नाम पूजा बताकर आनंदराज से दोस्ती करवाई थी। उसने पूजा को अपना दोस्त और कॉलेज स्टूडेंट बताया था।
एक एजेंट से शादी को तैयार था आनंदराज
तीनों ही पाक एजेंट अलग-अलग समय पर आनंदराज से बातें करती थी। आर्मी एरिया में दुकान की बात कर उससे राज जान लेती थी। आनंदराज को सैन्य अधिकारी बनकर मिली प्रिया अग्रवाल ने शादी का भी झांसा था। आनंदराज युवती के प्रेम जाल में पूरी तरह से फंस गया था। उसे पता ही नहीं था कि वह जिस युवती से शादी की बात कर रहा है वह पाक एजेंट है।
प्रिया अग्रवाल ने खुद को जयपुर का बताया था और आर्मी अस्पताल के बाहर ही उसे मिलने के लिए बुलाया था। उसे कहा कि था वह उससे शादी करना चाहता है। ऐसे में ही आनंदराज उससे मिलने के लिए पहुंचा तो प्रिया ने उसे शादी की बात बाद में करने के लिए बोलकर टाल दिया था।
अकाउंट में रुपए भी ट्रांसफर कराए:-
इंटेलिजेंस ने आनंदराज के मोबाइल का डेटा खंगाला तो कई राज खुले। पता लगा कि आनंदराज के अकाउंट में पाक एजेंटों ने रुपए भी ट्रांसफर किए थे। आनंदराज ने युवतियों की फोटो और न्यूड वीडियो भी रिकॉर्ड कर लिया था। इसके बदले आनंदराज उनसे रुपयों की डिमांड कर रहा था। उसके मोबाइल से रुपए ट्रांसफर करने के रिकॉर्ड भी मिले हैं।
जिस वॉट्सऐप नंबरों पर पाक महिला एजेंट बात करती थीं, उन नंबरों पर कुछ अन्य लोगों के बात करने का भी रिकॉर्ड मिला है। इंटेलिजेंस अब इन्हीं नंबरों का डेटा निकाल रही है, जिनसे पाक एजेंट संपर्क में थी।