खाजूवाला के 15 केजेडी से रोजाना दो दर्जन ट्रक भर कर निकाला जा रहा अवैध जिप्सम, सहायक वनपाल मीणा को किया निलम्बित

खाजूवाला, खाजूवाला क्षेत्र में सफेद सोने पर माफियाओं की नजर पड़ चुकी है। यहां वन-विभाग व दोहरे आवंटन की भूमि में से अवैध रूप से जिप्सम निकालने का सिलसिला रात के अन्धेरे में लगातार जारी है। वन-विभाग व पुलिस की टीमें कार्यवाही तो करती है लेकिन ये कार्यवाही ऊँट के मूह में जीरा समान शाबित हो रही है। गत चार-पांच दिन पूर्व वन-विभाग की तीन रेंजों की टीम ने कार्यवाही करते हुए 1 ट्रक 15 केजेडी सामरदा से पकड़ा था। लेकिन वहीं ये जिप्सम माफिया 3 ट्रक व जेसीबी मशीन यहां से भगा ले गए। वहीं अब दो दिनों तक लगातार ये जिप्सम माफिया यहां से जिप्सम निकाल रहे है। जिसकी सूचना विभाग को होने के बावजूद कार्यवाही नहीं हो रही है। यहां से प्रतिदिन दो दर्जन से अधिक ट्रक जिप्सम यहां से अवैध रूप से निकाला जा रहा है।

खाजूवाला क्षेत्र में अब ज्यादातर सरकारी जमीनों में ही जिप्सम बचा है। यहां से जिप्सम माफिया जिप्सम निकाल रहे है। पहले तो प्रशासन व पुलिस तथा विभागों का डर इन माफियाओं को था लेकिन अब सब काम मानो सहमति से ही हो रहा है। ग्रामीणों के अनुसार 15 केजेडी सामरदा से वन-विभाग की जमीनों तथा दोहरे आवंटन की जमीनों में ही जिप्सम है। यहां से ये जिप्सम माफिया कॉर्ट का स्टे दिखाकर यहां से अवैध रूप से खनन कर रहे है। वहीं वन-विभाग को चाहिए कि वह जिला स्तरीय टीम बनाकर यहां छापेमारी करके इस अवैध रूप से हो रहे काम को रूकवाए। रोजाना लाखों रुपए का जिप्सम यहां से निकाला जा रहा है। जिससे सरकार को रोजाना लाखों रुपए का नुकसान भी हो रहा है।

ग्रामीणों में दहशत का माहौल
आस-पास के ग्रामीणों ने बताया कि 1 एडीएम चौराहे पर शाम ढ़ले ट्रक आना शुरू हो जाते है और जहां से जिप्सम निकलता है वहां 50 से 100 लोग खड़े रहते है। जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल भी है। वहीं खनन वाले स्थान पर किसी भी व्यक्ति को जाने से मना किया जाता है। अगर कोई नहीं माने तो उसे धमकाया भी जाता है। जिससे लोगों ने इन जिप्सम माफियाओं के लिए भय का माहौल भी है। वहीं शिकायत करने पर शिकायतकर्ता को फर्जी मामलों में फंसाने की धमकी दी जाती है। यहां वन-विभाग, पुलिस व राजनीतिक संरक्षण के चलते ही खनन हो रहा है।

सहायक वनपाल को किया निलम्बित
बार बार मिल रही अवैध खनन की शिकायत व अवैध खनन रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही नही करने पर उप वन सरंक्षक स्टेज प्रथम छतरगढ़ दिलीप सिंह राठौड़ ने गुरुवार को पत्र जारी कर सहायक वनपाल रेंज दंतौर देशराज मीणा को निलम्बित किया है। डीएफओ राठौड़ ने पत्र में लिखा कि 15 केजेडी में सहायक वनपाल देशराज मीणा को समुचित सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी थी। लेकिन 27 नवम्बर को खनन की जानकारी मिली। वहीं वन भूमि पर अवैधन खनन पर प्रभावी अंकुश नहीं लगा पाने से लापरवाही व राज कार्य के प्रति उदासीनता प्रतीत होने पर सहायक वनपाल को निलम्बित किया गया है।

वर्जन
खाजूवाला के 15 केजेडी सामरदा में अवैध खनन पर रोकथाम नहीं करने व जानकारी नहीं देने पर सहायक वनपाल देशराज मीणा को गुरुवार को निलम्बित किया है। वहीं गुरुवार को वन-विभाग की टीम को निर्देशित कर रास्ता नष्ट करवाया तथा जेसीबी मशीन से रास्तों के बीच में खाई खुदवाई गई है।

दिलीप सिंह राठौड़
उपवन संरक्षक, छतरगढ़