राजस्थान में बारिश-ओले, ठंड से छूटी कंपकंपी : सर्दी के सीजन में गर्मी का भी रिकॉर्ड, 12 साल में पहली बार गर्म रहा नवंबर

rkhabar
rkhabar

जयपुर, मंगलवार की शाम एक्टिव हुए वेस्टर्न डिस्टर्बेंस ने पहली बार नवंबर में सर्दी का अहसास करा दिया। राजस्थान में हुई बारिश और तेज हवा से कई शहरों का तापमान अचानक नीचे आ गया। रात का तापमान 15 डिग्री कम दर्ज किया गया है। इसके साथ ही आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इससे पहले सर्दी के मौसम में गर्मी का रिकॉर्ड भी बन चुका है।

सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन राजस्थान में इस बार सीजन की शुरुआत में सूरज के तेवर तेज देखने को मिले हैं। जयपुर, अजमेर, उदयपुर समेत 10 से ज्यादा शहरों में नवंबर के शुरुआती दिनों में दिन का पारा 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया। सिरोही में तो अधिकतम तापमान ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया।

मौसम केंद्र जयपुर से जारी रिपोर्ट देखें तो अजमेर, जयपुर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जोधपुर, कोटा, गंगानगर और उदयपुर में तापमान इस साल नवंबर के शुरुआती दिनों में जो अधिकतम तापमान दर्ज हुआ है उतना तापमान पिछले 12 साल में नवंबर के महीने में कभी दर्ज नहीं हुआ। इन सभी शहरों में इस बार दिन का पारा 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया।
मौसम केंद्र नई दिल्ली की ओर से जब 31 अक्टूबर को राजस्थान समेत देश का नवंबर का पूर्वानुमान जारी किया था। तब उसमें दिन का तापमान सामान्य से ज्यादा होने के भी संकेत दिए थे। मौसम विभाग की ये भविष्यवाणी पहले सप्ताह सटीक भी साबित हुई। हालांकि 6 नवंबर से एक्टिव हुए पहले वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (वेदर सिस्टम) के बाद राजस्थान समेत उत्तर भारत में मौसम बदला और दिन ठंडे होने शुरू हो गए। चौमूं में बारिश के दौरान ओले गिरे। इससे फसलों को नुकसान हुआ।

सिरोही में सर्वाधिक तापमान का रिकॉर्ड
राजस्थान में सबसे गर्म शहर जोधपुर, बीकानेर, चूरू, बाड़मेर, जैसलमेर का पिछले 50 साल का रिकॉर्ड देखें तो इन शहरों में भी दिन का तापमान कभी नवंबर में 40 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंचा, लेकिन इस सीजन में सिरोही में दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया। 5 नवंबर को मौसम केंद्र जयपुर ने सिरोही का अधिकतम तापमान 40.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।

20 दिन से ज्यादा समय तक रहा एंटी साइक्लोन सिस्टम
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक सामान्यत: अक्टूबर के महीने में जब मानसून विदा होता है तो उसके बाद से हवाओं का दिशा (पूर्वी से पश्चिमी के स्थान पर पश्चिमी से पूर्व) बदलती हैं। इसके बाद से वेस्टर्न डिस्टरबेंस आना शुरू हो जाते है, जिसके कारण राजस्थान समेत उत्तर भारत में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने लगते हैं। फिर धीरे-धीरे दिन-रात के तापमान में कमी होने लगती है।
लेकिन इस बार मानसून के जाने के बाद से 5 नवंबर तक उत्तर भारत में न तो कोई एक्टिव वेस्टर्न डिस्टरबेंस आया और न ही साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना। अक्टूबर से नवंबर तक राजस्थान में करीब 20 दिन से ज्यादा समय तक एंटी साइक्लोनिक सिस्टम एक्टिव रहा। इस सिस्टम में हवा का प्रेशर बनता है और आसमान बिल्कुल साफ रहता है। आसमान साफ रहने से सूरज की चमक तेज रहती है और दिन गर्म होते हैं। इस कारण इस बार नवंबर में तापमान इतना ज्यादा देखने को मिला।

10 नवंबर से पारे में होगी गिरावट

मौसम विभाग के अनुसार 9 नवंबर को गंगानगर, हनुमानगढ़ व चूरू जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश होने की सम्भावना है। वहीं 10 नवंबर से राजस्थान में ठंडक बढ़ने की संभावना है। अनुमान के मुताबिक 10 नवंबर से प्रदेश में न्यूनतम तापमान 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है। फिलहाल अधिकांश जिलों में रात का पारा 15 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार राजधानी जयपुर में सोमवार रात को न्यूनतम 18.7 डिग्री, अजमेर में 19.3 डिग्री, सीकर में 13 डिग्री, कोटा में 18.1 डिग्री, चूरू में 15.1 डिग्री, उदयपुर में 17.4 डिग्री, बीकानेर में 17.6 डिग्री और श्रीगंगानगर में 16. 9 डिग्री न्यूनतम तापमान रहा।