घड़साना के पास छतरगढ एरिया में इन्दिरा मुख्य नहर पटड़े के पास आया कटाव
छतरगढ़, क्षेत्र में रविवार को जोरदार बरसात होने के कारण इन्दिरा गांधी नहर मुख्य शाखा के 507 हेड के पास पटड़े पर अलग अलग स्थानों पर पांच कटाव आ गए है। तीन कटाव इतने बड़े हो गए हैं कि रात्रि को अगर बरसात होती है तो मुख्य शाखा में कटाव पहुंच सकता है। किसानों का मानना है कि नहर में कटाव आने पर भारी तबाही होने का खतरा हो गया है। किसान वर्ष २००४ में मुख्य शाखा के इसी क्षेत्र में घेघड़ा गांव के पास आए कटाव को अभी भूले नहीं है। पूरा गांव नहर के पानी में बह गया था। लेकिन जनहानि से बचाव हो गया था। नहर पटड़े पर आए कटावों को लेकर किसान चिन्तित है। बड़े कटाव व जमीन धसकने के कारण कटावों को भरना किसानों के बलबुते से बाहर है। विदित रहे करीब एक सप्ताह पूर्व इसी एरिया में इन्दिरा गांधी मुख्य शाखा के पटड़े पर बड़े कटाव आ गए थे। तब किसानों ने विभाग को साथ लेकर अपने प्रयास से पटड़े दुरस्त कराए थे। पटड़ों के कटाव में रेत भरती की गई लेकिन रविवार को भारी बरसात ने इन पटड़ों में भरी रे त को बहा दिया। इन्दिरा नहर मुख्य शाखा में कभी भी अनहोनी होने की आशंका पर जागरूक नागरिक केप्टन चन्द्र चौधरी सेवा समिति संयोजक एवं युवा किसान किशोर जाखड़ ने कनिष्ठ अभियंता गणेश दान चारण, सहायक अभियंता डूडी को दुरभाष पर सूचना दी। लेकिन अधिकारियों ने इस मामलें पर गंभीरता नहीं दिखाने पर किसान हताश है।

किसान जाखड़ ने बताया कि इलाके में रविवार को भारी बरसात होने के कारण नहर के पटड़े नाले बन गए। नहर के पटड़े में पांच छह फीट चौड़ी तथा दस बारह फीटर गहरी खाई बन गई। उन्होंने बताया कि इन कटावों में सात दिन पहले को दरारों में मिट्टी भर कर दुरस्त किया था। कटावों में मिट्टी जमने में खामियां रह जाने पर पूरी तरह बह गई। कटाव नहर से लगभग तीन फीट दूर ही है। किसानों का मानना है कि रात को भारी बरसात होने पर नहर का कटान होना तय है। नहर में पानी भरपूर मात्रा में प्रवाहित होने के कारण अनहोनी का सामना करना पड़ सकता है। युवा किसान जाखड़ ने बताया कि पंांच स्थानो पर पचास साठ फीट लम्बा कटान बन गए हैं। तीन कटाव तो खतरनाक साबित हो सकते हैं।
सात दिन पहले इन्दिरा नहर मुख्य नहर ५०७ हेड पर बरसात के कारण आए कटावों का समाचार पत्रिका में प्रमुखता से प्रकाशित हुआ था। सिंचाई विभाग का बड़ा तंत्र होने के बावजूद सारसंभाव व गश्त का अभाव रहने पर किसानों की चिन्ताओं को समाचार में उठाया गया था। रविवार को भारी बरसात होने के बाद नहर टूटने का खतरा बन गया है। किसानों की चौकसी के कारण नहर टूटने से बच सकी है।
इनका कहना है-
क्षेत्र में भारी बरसात होने के कारण पटड़ों में बड़े कटाव आए हैं। किसानों से सूचना मिलने पर मौके पर पहुंच कर आवश्यक कार्य शुरु करवा रहा हूं। जेसीबी तथा ट्रेक्टर आदि के बंदोबस्त किए गए हैं। किसानों का सहयोग सराहनीय है। कटावों को पूरी तरह दुरस्त करने के लिए जल संसाधन विभाग कार्य करेगा। रात को भारी बरसात होने पर विकट समस्या बन सकती है।
चन्द्रसिंह डूडी, अधिशाषी अभियंता, रेगूलेशन छतरगढ खंड