कश्मीर फाइल्स में एक और नाम: गुस्साया समुदाय सड़कों पर, सामूहिक पलायन की चेतावनी

R. खबर, सुरक्षा बलों के अभियान से बौखलाए आतंकियों ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में स्कूल में घुसकर कश्मीरी पंडित शिक्षिका रजनी भल्ला की गोली मारकर हत्या कर दी। हमले के बाद आतंकी भाग निकले। इस हत्या को लेकर नौकरीपेशा कश्मीरी पंडित और भड़क गए हैं। उन्होंने घाटी के कई इलाकों में प्रदर्शन किए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जम्मू-कश्मीर सरकार ने 24 घंटे में सुरक्षित जगह उनके ट्रांसफर को लेकर फैसला नहीं किया तो वे घाटी से समूहिक पलायन करेंगे। कश्मीर में प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नौकरी कर रहे कश्मीरी पंडित काम का बहिष्कार कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे घाटी में कैदियों जैसी जिंदगी नहीं जीना चाहते। उन्हें घाटी से बाहर शिफ्ट किया जाना चाहिए। पुलिस के मुताबिक आतंकी हमला कुलगाम के गोपालपुरा इलाके की हाई स्कूल में हुआ। शिक्षिका रजनी जम्मू संभाग के सांबा की रहने वाली थी।
दिन की शुरुआत के वक्त स्कूल में ज्यादा चहल-पहल नहीं थी। अचानक कुछ हमलावर स्कूल में घुसे। उन्होंने रजनी से नाम पूछा और पॉइंट ब्लैक रेंज से गोली मार दी। रजनी इस स्कूल में पांच साल से पढ़ा रही थी। स्कूल की मुख्य शहरी इलाके से दूरी करीब 10 किलोमीटर है। रजनी के पति राजकुमार भी कुलगाम के मिरहमा इलाके के एक स्कूल में शिक्षक हैं। रजनी का परिवार 1990 में घाटी से पलायन कर गया था। बाद में उसे कश्मीर बुलाकर पीएम इम्पलॉयमेंट पैकेज के तहत नौकरी दी गई थी। श्रीनगर के बटवारा इलाके में कश्मीरी पंडितों ने नारेबाजी करते हुए सड़क जाम कर दी। इससे मार्ग के दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। कश्मीरी पंडितों का कहना है कि सरकार उन्हें बड़े-बड़े आश्वासन देती है, लेकिन इससे उनका जीवन सुरक्षित नहीं हो पा रहा है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने शिक्षिका की हत्या पर दुख जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार के कश्मीर में सामान्य हालात के दावे के बावजूद निर्दोष नागरिक मारे जा रहे हैं।

मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर:-
जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा में नंगलवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए। मुठभेड़ स्थल से दो एके-47 राइफल और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। आतंकियों की पहचान त्राल के शाहिद और शोपियां के उमर यूसुफ के रूप में हुई है।
चार साल में 15 हिंदू मारे गए:-
घाटी में 2019 से अब तक अलग-अलग घटनाओं में 15 कश्मीरी पंडित और हिंदू आतंकियों के हमले के शिकार हुए हैं। मार्च 2022 में 8 लोगों की टार्गेट किलिंग को अंजाम दिया गया। इनमें से चार लोग मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के थे।
कश्मीर में थम नहीं रहे आतंकी हमले
25 मई: बडगाम में कश्मीरी टीवी कलाकार अमीरन भट की गोली मारकर हत्या।
24 मई : श्रीनगर के सौरा में पुलिस कांस्टेबल सैफुल्लाह कादरी की हत्या। उसकी सात साल की बेटी फायरिंग में घायल।
17 मई : बारामूला में शराब की दुकान पर ग्रेनेड फेंका। रंजीत सिंह नाम के व्यक्ति की मौत।
13 मई : पुलवामा में पुलिसकर्मी रियाज अहमद ठाकोर की हत्या।
12 मई : बडगाम में कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या।
09 मई : शोपियां में आतंकी हमले में एक नागरिक की मौत।
पीएम स्पेशल इम्पलॉयमेंट पैकेज पर भर्ती हुए कर्मचारी की इस माह हत्या की यह दूसरी घटना है। 12 मई को आतंकियों ने चाडूरा में राहुल भट की उसके दफ्तर में हत्या कर दी थी। उसके बाद कश्मीर में पैकेज के तहत भर्ती कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफे का ऐलान किया था।
पुलिस का कहना है कि लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग को अंजाम दे रहा है। वह खासकर प्रवासी मजदूर, अल्पसंख्यक समुदाय और ऑफ ड्यूटी पुलिस कर्मचारियों को निशाना बना रहा है।