संसदीय कार्य मंत्री, शांती कुमार धारीवाल ने बुधवार को विधानसभा में पुलिस विभाग की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित, सहायक उप निरीक्षक  के 3 हजार 500 पद बढ़ने से हो सकेगी कांनिस्टेबल की पदोन्नति


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जयपुर, संसदीय कार्य मंत्री धारीवाल गृह मंत्री की ओर से विधानसभा में मांग संख्या 16 (पुलिस) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने पुलिस की 82 अरब, 50 करोड़ 74 लाख 13 हजार रूपये की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी।

संसदीय कार्य मंत्री शांती कुमार धारीवाल ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि पुलिस विभाग में सहायक उप निरीक्षक  के 3 हजार 500 पद बढ़ाये गये है जिससे कांनिस्टेबल की पदोन्नति के अवसर बढ़ेगें। उन्होंने कहा कि राजस्थान में महिलाओं के विरूद्ध अपराधों पर सख्त कार्यवाही की गई है और निर्बाध एफआईआर व्यवस्था के माध्यम से कमजोर वर्ग को न्याय मिला है।

धारीवाल ने बताया कि राज्य में निर्बाध एफआईआर पंजीकरण के माध्यम से कमजोर वर्ग के लोगों को फायदा हुआ है। अपराध में वृद्धि होना और पंजीकरण होना दोनों में बहुत अन्तर है। दोनों को एक-दूसरे में शामिल करना बहुत बड़ी गलती है। उन्होंने बताया कि 2013 के मुकाबले 2019 में अपराध 14 प्रतिशत ही बढ़ा था, यानि प्रति वर्ष केवल 2.3 प्रतिशत बढ़ा था। यह एक सामान्य वृद्धि है और राष्ट्रीय औसत 22 प्रतिशत से भी कम है। किन्तु यह इसलिए हुआ क्योंकि इन वर्षों में निर्बाध एफआईआर पंजीकरण नहीं हुआ था। वर्तमान सरकार के आने के बाद निर्बाध एफआईआर पंजीकरण होने से 2018 की तुलना में 2019 में वृद्धि हुई। उन्होंने बताया कि निर्बाध एफआईआर पंजीकरण को सख्ती से लागू करने के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय से थानों की जांच करने के लिए डिकॉय ऑपरेशन भी चलाये गये है। पुलिस थानों में 756 स्वागत कक्षों का संचालन भी प्रारंभ हो चुका है। 

उन्होंने बताया कि राजस्थान पुलिस ने भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए विजन-2030 प्लान बनाया है। देश में राजस्थान पुलिस एक मात्र फोर्स है जिसने ऎसा दस्तावेज बनाया है जिसमें अगले 10 वर्षों का विजन हीं नहीं बल्कि उसे प्राप्त करने का एक्शन प्लान भी बनाया है। धारीवाल ने बताया कि हर जिले में पुलिस अधीक्षक के अधीन एक डिस्टि्रक्ट स्पेशल टीम का गठन भी किया गया है, जो इंटेलीजेंस एकत्रित कर संगठित अपराधों के विरूद्ध कार्यवाही करती है। इन दलों ने 20 अलग-अलग श्रेणियों के संगठित अपराधों में लिप्त 1414 अपराधियों को वर्ष 2021 में गिरफ्तार कर उनके खिलाफ 958 मुकदमें दर्ज किये है। उन्होंने बताया कि राजस्थान पुलिस ने पिछले 3 सालों मे 55 हजार 702 प्रकरणों में 58 हजार 471 शराब तस्कर और अपराधी पकड़े है। साथ ही पुलिस ने वांरटियों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान भी चलाया गया है। पुलिस ने केवल 60 दिनों में 15 हजार से अधिक वांरटों का निस्तारण किया है। इस अभियान का प्रभाव यह हुआ कि गिरफ्तारी के डर से 2470 अपराधियों ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया । इस अभियान में 597 ईनामी अपराधी भी पकड़े गये। 

धारीवाल ने बताया कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट  2020 के अनुसार  महिला अत्याचारों में उत्तरप्रदेश शीर्ष स्थान पर रहा है। राजस्थान में वर्ष 2020 में महिला अत्याचार के कुल प्रकरणों में से 45 प्रतिशत प्रकरण अनुसंधान के बाद सही नहीं पाये गये है। जबकि उत्तरप्रदेश में न केवल सबसे ज्यादा प्रकरण दर्ज हुये है बल्कि 95 प्रतिशत सही भी पाये गये है। मुख्यमंत्री गहलोत ने इमरजेंसी रेस्पोंस सपोर्ट सिस्टम के तहत निगरानी हेतु लगाये जाने वाले सीसीटीवी कैमरों की संख्या को 10 हजार से बढ़ाकर 30 हजार कर दी है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ऎसा कानून भी ला रही है जिसके तहत निजी संस्थानों व व्यवसायिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरा लगाना और उसकी फीड अभय कंमाड एंड कंट्रोल सेन्टर को देना अनिवार्य होगा।