रूस और यूक्रेन, बीकानेर के छात्रों ने अंडर ग्राउंड मेट्रो में ली पनाह, बताई आपबीती


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खाजूवाला, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में काफी तनाव बढ़ता जा रहा है। यूक्रेन में जंग के हालात में फंसे छात्रों में बीकानेर जिले के छात्र भी शामिल है। जो की युक्रेन के खारकीव में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। बीकानेर संभाग के कई छात्रों ने यूक्रेन में मौजूद होने की खबर दी है। युद्ध में चल रहे हमले मैं खुद को सुरक्षित रखने के लिए छात्र अपने हॉस्टल छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।

खाजूवाला क्षेत्र के मेडिकल छात्र सतवीर डारा भी यूक्रेन में पढ़ाई कर रहा है। कुछ दिन पहले भारत आकर वापस गया था। अब 2 मार्च को वापसी की फ्लाइट थी, लेकिन इसी बीच बीच युद्ध शुरू हो गया। सतवीर डारा ने बताया कि खारकीव में नगरासर गांव निवासी उनके सहपाठी जितेंद्र और दीपेंद्र यूक्रेन में ही है। दोनों छात्रों ने बताया कि वहां की सरकार ने आगामी आदेश तक सभी को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा है। ऐसे में वह अपने अन्य साथियों के साथ खारकीव में अंडरग्राउंड मेट्रो रेल स्टेशनों पर ठहरे हुए हैं। इन अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन को ही बंकर बनाया गया है। अपने साथ जरूरी खाने पीने का सामान मोबाइल चार्जर कपड़े लाए हैं। बीकानेर शहर का छात्र तेजस्वी यूक्रेन में है।

जानकारी के मुताबिक कुछ छात्रों की गुरुवार को यूक्रेन से भारत के लिए फ्लाइट थी। एयर इंडिया यह विमान युद्ध के चलते यूक्रेन में नहीं उतार सका। ऐसे में जो विद्यार्थी फ्लाइट के लिए पहुंचे थे। उन्हें भारतीय दूतावास में ही रोका गया है। यूक्रेन में फंसे अधिकांश विद्यार्थी वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। दिनभर मोबाइल चलते रहे ऐसे में वह परिवार के लोगों से संपर्क में रहे। रात को बंकर में आने के बाद मोबाइल नेटवर्क की परेशानी होने लग गई। छात्रों का कहना है कि जो हाथ लगा जरूरत का उतना सामान लेकर निकल गए और अब बंकरो में एक दूसरे से सट कर रहे हैं।

चिंता इस बात की है कि युद्ध कब खत्म होगा इसको लेकर अनिश्चय की स्थिति दिखाई दे रही है। खाने-पीने और दूसरी जरूरतों के समान का संकट आ सकता है छात्रों ने भारत सरकार से अपील की है कि वह उन्हें एयरलिफ्ट करने या किसी भी तरह से उन्हें इन हालात से निकालने की कोशिश करें। क्योंकि उनके पास बहुत ही सीमित समय तक जरूरत का सामान है। हालात और बिगड़ने से इनकी मुश्किले और बढ़ जाएगी।