खाजूवाला, गौपाल कृष्ण गौशाला 1 पीएचएम में रविवार को कथा के दूसरे दिन कथा वाचक पण्डित भीखाराम शर्मा ने गऊ माता के बारे में बताया कि कथा स्थल पर गाय माता या कोई जीव आ जाये तो हम उसे जल्दी ही वहां से हठा देते है क्योंकि हमने मानव रुपी शरीर पाया है।
मानव अपनी शक्ति को समझ गया है और वो जीव भी हमारे जीसा सुनना करना चाहता है, पर उसके शरीर की बनावट मानव रुपी शरीर से अलग है। वो मानव जैसा कर नहीं सकता हैं। लेकिन मनुष्य सब कुछ समझ कर जानकर भी अगर इस पावन भूमि पर जन्म लेकर आया है और वो गौ सेवा नहीं करता या अच्छे कर्म नहीं करता तो वो भी उसी जीव पशु जैसा है। तो हमै इस धरा पर आकर अच्छे कर्म और गौसेवा करनी चाहिए।
कथा में भामाशाह ओमप्रकाश तेतरवाल, श्याम बंसल, सुनिल पुगलिया, ओम झटवाल, मुखराम मेघवाल, कमल रावला से व साहबराम जी बिरडा़, हरीशचन्द्र, आसकरण, कृष्ण लिम्बा, इन्द्राज नाई, ओम जाखड़, लक्ष्मण कुमार बिश्नोई ने बताया आज की कथा में गौ सेवक कपिल बिश्नोई ने अपनी गुल्लक में जमा पांच सो बारह रुपये गौशाला मै दान किये। भुमि दानदाताओं ने भुमि दान की उनमे आधा बिग्घा भुमि दान भुपसिंह देदाणी, पांच बिस्वा रामदलीप पुनियां, आधा बिग्घा हंसराज धारणियां, पांच बिस्वा कृष्ण कुमार खीचड़ ने आज की कथा में भामाशाह के रूप में भुमि दान की।