बीकानेर में सौर ऊर्जा से बनेगी 20 हजार मेगावाट बिजली, अब स्थानीय कंपनियां भी मैदान में
बीकानेर जिले में सौर ऊर्जा से 20 हजार मेगावाट बिजली बनेगी। सोलर हब बन रहे बीकानेर में अभी 4504 मेगावाट बिजली बन रही है। 5190 मेगावाट की परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं। इसके अलावा 10,000 मेगावाट से ज्यादा के एमओयू हो चुके हैं। खास बात है कि एमओयू करने वाली ज्यादातर कंपनियां बीकानेर की ही हैं। तेज गर्मी और सूरज की चमचमाती धूप बीकानेर जिले को सोलर हब बनाने में वरदान साबित हो रही है। बीकानेर में 365 में से 325 सनी डेज माने जाते हैं। इसे देखते हुए सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाली कंपनियों ने अब जोधपुर, जैसलमेर के बाद बीकानेर का रुख कर लिया है। यहां की तेज धूप और सस्ती दरों पर उपलब्ध जमीनों के कारण अडानी, अंबानी, टाटा, महिन्द्रा जैसे बड़े ग्रुप सोलर प्लांट लगाने की तैयारी में हैं।
वर्तमान में बीकानेर में छोटे-बड़े 70 से ज्यादा प्लांट लग चुके हैं, जिससे 4504 मेगावाट बिजली बन रही है। 5190 मेगावाट बिजली के लिए सौर परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं। पिछले दिनों हुए समिट में सोलर प्लांट से 10,000 मेगावाट से ज्यादा बिजली बनाने एमओयू हुए हैं। खास बात यह है कि कुल 27 एमओयू में से 24 एमओयू स्थानीय कंपनियों ने किए हैं। बीकानेर को सोलर हब बनाने में बाहरी कंपनियों के इन्वेस्टमेंट को देखते हुए अब स्थानीय कंपनियां भी मैदान में उतर गई हैं। आने वाले समय में बीकानेर जिले में सौर ऊर्जा से 20 हजार मेगावाट बिजली बनेगी। सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन को देखते हुए राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम नए जीएसएस लगाने की योजना बना रहा है। इससे बीकानेर जिले में सोलर ऊर्जा का बेहतर तरीके से ट्रांसमिशन किया जा सकेगा। पूगल, गजनेर, कोलायत, छत्तरगढ़ सहित अनेक स्थानों पर तेजी से सोलर प्लांट लग रहे हैं। जिससे क्षेत्र किसानों को बंजर जमीन के दाम मिलने लगे हैं और डेवलपमेंट के साथ ही रोजगार भी मिल रहा है।